बलरामपुर की गैंसड़ी विधानसभा सीट पर ठनी वर्चस्व की जंग, राजनीति के गुरु को पटखनी दे सकता है चेला
बलरामपुर। यूपी के बलरामपुर में कुल 4 विधानसभा सीटें लेकिन इसमें सबसे चर्चित सीट गैसड़ी विधानसभा सीट है। इस विधानसभा सीट पर समाजवादी सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे डॉ0 एस0पी0 यादव का दबदबा माना जाता रहा है लेकिन अब समाजसेवी के तौर पर खुद को जनता के बीच लाकर साल 2017 में निर्दल चुनाव लड़ने वाले अनुराग यादव उन्हें 2022 में टिकट के लिए चुनौती देते नजर आ रहे हैं।
जी हां गैसड़ी विधानसभा सीट पर साल 1993, 2002, 2012 समाजवादी पार्टी के टिकट पर डॉ0 एस0 पी0 यादव ने चुनाव जीता और समाजवादी सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे। साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान अनुराग यादव का नाम राजनीति के गलियारों में चर्चा में आया। उन्होंने अपने परिवार के तीन सदस्यों को तीन जिला पंचायत सीटों पर मैदान में उतारा था। इन्हीं सीटों पर पूर्व मंत्री डॉ0 एस0 पी0 यादव के परिवार के सदस्य भी चुनाव लड़ रहे थे इस पंचायत चुनाव के दौरान जमकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ दर्जनों मुकदमे लिखे गए।
साल 2017 का विधानसभा चुनाव आया तो अनुराग यादव ने “दल नहीं ये दलदल है सबसे अच्छा निर्दल है” का नारा बुलंद करते हुए गैसड़ी विधानसभा सीट से दावेदारी ठोक दी और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता डॉ0 एस0 पी0 यादव को कड़ी चुनौती दी। इस चुनाव ने अनुराग यादव की राजनीतिक दिशा और दशा को तय किया। इस विधानसभा सीट की जनता ने 27000 से अधिक मत दिए। जिसका खामियाजा डॉ0 एस0 पी0 यादव को भुगतना पड़ा और भारतीय जनता पार्टी के शैलेश कुमार सिंह शैलू से महज वोटो से हार गए। दूसरे न0 पर अल्लाउद्दीन खां रहे जो बसपा से दावेदारी ठोंक रहे थे।
अब एक बार फिर से गैसड़ी विधानसभा सीट चर्चा में है जिसका कारण अनुराग यादव दोबारा से बने हुए हैं। निर्दल चुनाव लड़कर 27000 वोट पाने वाले अनुराग यादव ने अब सपा का दामन थाम लिया है और गैंसड़ी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। डॉ अनुराग का कहना है कि जनता अब युवा चेहरा देखना चाहती है और इस जन भावना का पूर्व मंत्री जी को सम्मान करना चाहिए और हम जैसे युवाओं की पीठ ठोंककर आगे बढ़ाना चाहिए जिससे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास सम्भव हो सके।
डॉ0 एस0पी0 यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पुराने सिपाही बताए जाते हैं। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के साथ 90 के दशक में जिले में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए जमकर साइकिल चलाई थी। जिसका परिणाम साल 1993 में जिले की जनता ने गैसड़ी विधानसभा सीट से उनको विधायक चुनकर विधानसभा भेजा था। डॉ0 एस0पी0 ने साल 1993 में जब जीत के बाद मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी तो उन्होंने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को गैंसड़ी विधानसभा सीट उनके लिए तोहफा बताया था।