बलरामपुर में 740 किसान मारने के बाद भी ले रहे हैं “किसान सम्मान निधि का लाभ”
यूपी के बलरामपुर में जिंदा किसान तो जिंदा, मुर्दा किसान भी किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। ये आंकड़ा 1 या 2 किसानों का नही बल्कि 740 किसानो का है। जिनके मरने के बाद भी विभागीय कृपा इन पर बरस रही है। मामला खुलने के बाद अब कृषि उपनिदेशक मामले में किसानों की ही गलती बताकर अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। अब तक कृषि उपनिदेशक प्रभाकर सिंह ने मृतक किसानों के खाते में गए रुपये की रिकवरी के लिए कोई कार्यवाही शुरू तक नही की है।
मामला यूपी के बलरामपुर जिले का है जहां कृषि विभाग के अधिकारी जिले में मृतक हो चुके 740 किसानों को किसान सम्मान निधि दिलाने का कारनामा कर रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारी स्वयं इस बात को स्वीकार करते हैं कि अब तक किसानों को भुगतान की गई किसान सम्मान निधि की पांच किस्त 740 से अधिक मृत हो चुके किसानों के खाते में भेजी जा चुकी है।
मामला खुलने पर अब जिम्मेदार अभियान चलाकर गांव-गांव में ऐसे लोगों की सूची तैयार करने की बात कह रहे हैं। जिसके बाद नोटिस जारी कर मृतकों के परिजनों से यह धनराशि वसूली जाएगी। रिकवरी न होने पर उनके खिलाफ राजस्व प्रक्रिया के तहत वसूली व एफआईआर दर्ज करने की बात कह रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर अब तक किसान सम्मान निधि से वंचित हजारों किसान धनराशि पाने के लिए भटक रहे हैं। योजना में पंजीकरण व आवेदन संशोधित कराने के लिए काउंटर पर किसानों का जमावड़ा लगा रहता है। किसान झिन्नू, उदई, सुनील कुमार व जगदम्बा प्रसाद ने बताया कि अब तक कोई किस्त नहीं मिली है किसान सम्मान निधि पाने के लिए कृषि विभाग, बैंक व ब्लाक का चक्कर काट रहे हैं लेकिन हम गरीब किसानो की सुनने वाला कोई नहीं है।
पूरे मामले पर कृषि उपनिदेशक डॉ0 प्रभाकर सिंह ने बताया कि किसान सम्मान निधि के पंजीकरण के बाद जनपद में किसानों की मृत्यु हो रही है या किसी की भी हो सकती है। ऐसे किसानों का चिन्हीकरण किया जा रहा है और दूसरी बात यह है जिनके खाते में पैसा चला गया है उसकी रिकवरी के लिए उनके वारिसानो को हम नोटिस जारी करेंगे और अगर वह पैसा वापस नहीं करते हैं तो राजस्व वसूली के तहत या एफआइआर तक की कार्रवाई की जाएगी। जिले में अभी तक 740 ऐसे किसान मिले हैं ये आंकड़ा अभी बढ़ता रहेगा हम कर्मचारियों के माध्यम से ऐसे किसानों के मृत्यु प्रमाण पत्र इकठ्ठा करवा रहे हैं।