जेई एडवांस में चयनित हुआ बलरामपुर का लाल, देखिये वीडियो
बलरामपुर : नियमित तैयारी व कठिन परिश्रम से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है…इन लाइनों को नगर के पूरबटोला मोहल्ले में रहने वाले शिवांश मणि त्रिपाठी ने सही साबित कर दिखाया है।
शिवांश ने वर्ष 2020 में हुई इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी परीक्षा (जेईई) में 99.2 अंक हासिल किया है।
अब वह आंखों में कंम्यूटर सांइस से इंजीनियरिंग करने का सपना संजोए काउंसिल करने की तैयारी में हैं।
शिवांश अपनी सफलता का श्रेय नाना श्री श्याम जी मिश्रा, मम्मी वंदिता त्रिपाठी, पिता संतोष कुमार त्रिपाठी के साथ अपने शिक्षक एवं मित्रों को देते हैं जिन के सहयोग से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।
पचपेड़वा क्षेत्र के जोगिनिया गांव में जन्में शिवांश ने प्राथमिक से लेकर 12वीं तक पढ़ाई नगर के शारदा पब्लिक स्कूल से की है।
वर्ष 2019 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद वह तैयारी के लिए कोटा चले गए, और दूसरी अटेम्प्ट में वह कड़ी मेहनत व लगन के दम पर इस परीक्षा में भी सफल हुए।
शिवांश मणि इंजीनियरिंग करने के बाद एक कर्मचारी बन किसी बड़ी कंपनी में काम नहीं करना चाहते हैं, बल्कि उनकी इच्छा है कि इंजीनियरिंग का शिक्षक बनकर देश व समाज की सेवा करें।
अभिभावक न हो निराश, कोटा में भी मिलता है मुफ्त एडमिशन
शिवांश मणि त्रिपाठी बताते हैं कि बलरामपुर जैसे पिछड़े जिले में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन अभिभावक इंजीनियरिंग की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों की मोटी फीस न दे पाने के कारण अपने बच्चों को इंजीनियर बनाने का सपना साकार नहीं कर पाते हैं।
लेकिन अब उन्हें इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। राजस्थान सरकार की पहल पर अब कोटा में संचालित सभी कोचिंग इंस्टिट्यूट में 5% बच्चों को निशुल्क एडमिशन दिए जाने की व्यवस्था है।
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ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को प्राथमिक स्तर पर बेहतर तैयारी कराएं। इसके बाद बच्चे को कोचिंग संस्थानों द्वारा कराई जाने वाली प्रवेश परीक्षा में बैठाएं।
इस की मेरिट के आधार पर संस्थानों द्वारा बच्चों को निशुल्क अथवा निर्धारित फीस में उचित कटौती कर एडमिशन दिया जाएगा।
जिससे वह तैयारी कर अपने सपनों को साकार कर सकें। शिवांश ने बताया कि उन्होंने खुद कोटा के एक इंस्टीट्यूट में 25 प्रतिशत कम फीस जमा कर तैयारी की थी।